बंगाल पर बरसी ममता की ममता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था की उनकी हर दूसरी घोषणा किसी न किसी रूप में बंगाल से जुडी थी. बजट में मिली 54 नयी ट्रेनों में से 16 बंगाल के खाते में गयी हैं, वहीँ 28 पैसेंजर ट्रेनों में से 5 गाड़ियाँ भी बंगाल को ही मिली हैं. बात सिर्फ ट्रेनों तक ही सीमित नहीं है, अगर दूसरी घोषणाओं की बात करें तो उनमें भी ममता का बंगाल मोह साफ़ नज़र आता है. टाटा के नैनों प्लांट को सिंगूर से सानन्द भेजने वाली ममता ने सिंगूर की जनता को जहाँ रेल कोच फैक्ट्री के रूप में मरहम लगाने की कोशिश की, वहीँ खड़गपुर की जनता को लुभाने के लिए आदर्श स्टेशन के साथ ही रेल रिसर्च सेंटर की सौगात भी दे दी. लेकिन बंगाल पर मेहरबान ममता के पिटारे से अभी और घोषणाएं होना बाकी थीं. बजट में घोषित 4 रेल अकादमियों में से एक कोलकाता में, इसके साथ ही हावड़ा-सियालदह को आपस में जोड़ने और चितरंजन कारखाने कि क्षमता बढाए जाने जैसी और भी कई बड़ी घोषणाएं बंगाल के नाम रहीं. हालांकि ऐसा नहीं है कि ममता कि ममता सिर्फ बंगाल पर ही बरसी, बल्कि दूसरे प्रदेशों को भी कुछ न कुछ मिला. लेकिन इन सबके बीच एक बात जो स्पष्ट नज़र आई, वो यह कि लगभग हर प्रोजेक्ट में पश्चिम बंगाल हिस्सेदार जरूर बना।
कुल मिलाकर ममता का बंगाल पर सुविधाओं कि बरसात करने का मकसद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं, या कुछ और। लेकिन बजट में बंगाल कि जनता को दी गयी सौगात से यह बजट कम और तृणमूल कांग्रेस का चुनावी घोषणा-पत्र अधिक नज़र आया.
4 comments:
guru
its not a election budget many things with this see what i thought about it on scam
It's may be good from the view of the analysists but not nice as Lst ministers. Few states still completely ingnore by them.
dear friend,
mamata seemed to have done same what lalu did in his tenure.
nice analysis done by you. keep doing this. all the best.
Parveen
विषय की गंभीरता को देखते हुए इसपर आपसे कुछ ज्यादा विश्लेषण की मांग हो रही है| विषय गंभीर है क्योंकि इसमें अनवरतता है| हर बार ऐसे विषयों पर दी जाने वाली प्रतिक्रिया से इतर आप जैसे एक युवा पत्रकार से इस पर एक गंभीर और तीखी प्रतिक्रिया की दरकार है|
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