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Sunday, December 7, 2008

मंदी के पेनिक में मिला सरकारी टॉनिक

वैश्विक मंदी के कारण औद्योगिक सेक्टर में लगातार घट रही मांग को लेकर सरकार काफ़ी चिंतित नज़र आ रही है, यही वजह है की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए रिज़र्व बैंक और सरकार मिलकर साझा कदम उठा रहे हैं। एक ओर जहाँ रिज़र्व बैंक बाज़ार में मांग को बनाये रखने के लिए निरंतर तरलता बढ़ाने के उपाय कर रहा है, तो दूसरी ओर सरकार भी मांग की कमी से जूझ रहे सेक्टरों को राहत रुपी टॉनिक देने की शुरुआत कर चुकी है। रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो दरों में की गई कटौती से बैंकों के लिए शार्टटर्म लोन सस्ता होगा जिससे बैंकों के पास नकदी बढेगी। इस नकदी को बैंक लोन बांटने के लिए यूज करेंगे और बाज़ार में कैश फ्लो बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि आने वाले समय में बाज़ार में तरलता बढ़ाने के लिए आर बी आई कुछ और नए कदम भी उठा सकता है। इसके साथ ही रिज़र्व बैंक ने रियलिटी सेक्टर को राहत पहुँचाने के लिए रियल इस्टेट लोन को री-एडजेस्ट करने का आश्वासन भी दिया है। उधर मंदी की मार से सबसे अधिक जूझ रहे ऑटो सेक्टर को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने सेनवेट यानी सेंट्रल वेल्यु एडेड टैक्स में भी 4 फीसदी की कटौती की है। जिसके कारण अब भविष्य में गुड्स और सर्विसेस की कीमतों में कमी आने की संभावना के चलते ऑटोमोबाइल सेक्टर में निश्चित रूप से तेज़ी आने की उम्मीद बढ़ गयी है। निर्यात क्षेत्र को दी जाने वाली राहत के रूप में आगामी मार्च तक 2 फीसदी का इंटरेस्ट सब-वेंशन दिया गया है। इसके साथ ही टेक्सटाइल इंडस्ट्री की खस्ता हालत को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को भी मंजूर किया है। महंगाई और मंदी से जूझ रहे आम आदमी के लिए सबसे बड़ा टॉनिक तो सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी के रूप में दिया है। आख़िर देर से ही सही लेकिन अमेरिका और चीन के बाद भारत सरकार ने भी अपनी अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने के लिए पैकेज रुपी टॉनिक देना शुरू कर दिया है। प्रथम चरण में दिए गए वित्तीय पैकेज से एक्सपोर्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल सेक्टर्स को मजबूती मिलेगी। कुल मिलाकर मंदी के दौर से गुजर रहे सेक्टरों के लिए यह आर्थिक पैकेज किसी टॉनिक से कम नहीं। सरकार द्वारा उठाये जा रहे इन महत्वपूर्ण कदमों से आने वाले समय में महंगाई दर में कमी के साथ ही ग्रोथ रेट में इजाफा देखने को मिल सकता है।

2 comments:

Unknown said...

accha prayas hai par vyakaran trutiyon ke karan pravahta acchi nahi ho pati ho sakta hai yah software problem ho par problem to prob lem hai

तीसरा कदम said...

आर बी आई का टोनिक तो हर बैंक के लिए जीवन दायिनी के बराबर है. नही तो हर एक बैंक धाप हो जाता.
बहुत अच्छा लिखा है गणेश भाई..... लिखते रहिये..........