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Wednesday, April 1, 2009

किसी का "जय हो" तो किसी का "भय हो"

वैश्विक दौर में बाजारवाद इस कदर हावी है की अब चुनाव भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं, शायद यही वजह है की प्रचार-प्रसार के लिए जो तरीके अपनाए जा रहे हैं, वो बड़े ही दिलचस्प हैं। इन दिनों टीवी पर एक बड़े राजनीतिक दल का प्रचार-प्रसार आस्कर विजेता फ़िल्म स्लमडॉग मिलेनियर के मशहूर गीत "जय हो" की तर्ज पर देखा-सुना जा सकता है। लेकिन जब बात चुनाव की हो और वो भी विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के आम चुनाव की तो भला दिग्गज पार्टियाँ कैसे पीछे रह सकती हैं। शायद इसी के चलते देश की एक और राजनीतिक पार्टी ने जय हो की तर्ज पर पेरोडी सॉन्ग तैयार करवाया है। हालांकि स्लमडॉग का गीत लिखकर गुलजार साहब तो ऑस्कर ले गए, लेकिन जिसने ये पैरोडी गीत बनाया है वो भी अवार्ड का हकदार तो है। हाँ ये बात अलग है कि इस पैरोडी सॉन्ग में विपक्षी दल की बखिया उधेड़ने का काम किया गया है, जबकि 'जय हो' गीत में एक विशेष पार्टी अपने मुंह मिया मिट्ठू बनी है। गीत के बोल कुछ इस तरह हैं...
भय हो...भय हो...भय हो...
फिर भी जय हो...जय हो...
आजा आजा वोटर इस झांसे के तले
आजा आजा झूठे-मूठे वादे के तले
भय हो... भूख हो...
रत्ती-रत्ती सच्ची हमने जान गंवायी है,
भूखे पेट जाग-जाग रात बितायी है,
मंदी की मार में नौकरी गँवा दी,
गिन-गिन वादे हमने जिंदगी बिता दी,
मंदी हो...महंगाई हो...आतंक हो...
भय हो...भय हो...फिर भी जय हो...

राजनीतिक दलों द्वारा एक दूसरे के जवाब में जो हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, वे वाकई दिलचस्प हैं। चुनाव के समय इस तरह के प्रचार-प्रसार गाहे-बगाहे देखने को मिल ही जाते हैं, जिसमें दो दल आपस में एक दूसरे के नुस्ख निकालने में लगे रहते हैं। खैर मामला जो भी हो, लेकिन एक बात तो तय है की इस विज्ञापन को तैयार करने में किसी न किसी विज्ञापन एजेन्सी और कलाकारों का तो कुछ भला हो ही जाएगा।
खैर इन गीतों के बोल सुनकर जनता किस हद तक प्रभावित होती है, और वाकई में किसकी जय-जयकार होती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल हम इनकी पैरोडी सुनकर कुछ आनंद तो उठा ही सकते हैं।

3 comments:

तीसरा कदम said...

bhai ji ab main isme kya comment karo sab comment to apne kar diye...
ek bat jaroor kahta hoon ki award us parodi banane wale ko nahi balki apko milna chahiye jo sachchi parodi banane mein mahir hai.apke is kadam se main khush hoon

meri taraf se badhai swikaar karein.

Roop-patrakar said...

kya bat hai udhar neta form me aa rahe hain idhar aap inform ho chuke ho... bilkul inki parodi majedar hai aapka prayas usse bhi kahin jyada

Ritesh Purohit said...

is tarah ke ad is baat ki aur bhi ishara karte hain ki samay ke saath badalna kitna jaroori hai.