पिछले दो सालों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में हो रही बढोतरी के चलते विमान कंपनियां ए टी एफ यानी विमान ईंधन की कीमतों में हुयी कमी के बावजूद किराया बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। बीते कुछ समय से कच्चे तेल की कीमतें १५० डॉलर/बैरल तक पहुँच गई थी, जिसकी वजह से विमानन कंपनियों को काफ़ी नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि अब कच्चे तेल की कीमतों में कमी देखी जा रही है, लेकिन विमानन कंपनियों का कहना है कि अब तक हुए नुकसान कि भरपाई के लिए एक बार फिर किराया बढ़ाने कि जरूरत है।
गौरतलब है कि पिछले चार वर्षों में विमान ईंधन के दामों में ५०,००० रुपए/ किलोलीटर तक का इजाफा हो चुका है। जिसके चलते एयर इंडिया , किंगफिशर , स्पाइसजेट तथा जेट एयरवेज जैसी प्रमुख कंपनियां हवाई किराये में १०-१५ फीसदी की वृद्धि कर सकती हैं। यह बढोतरी संभवतः दो चरणों में सितम्बर-अक्टूबर तक होने कि संभावना है।
आप सभी का स्वागत करता है...
Wednesday, August 27, 2008
Thursday, August 21, 2008
एफ़ आई आई खींच सकते हैं पैसा
भारत में बढती महंगाई, राजनीतिक उठापटक और ख़राब नीतियों के चलते देश की राजकोषीय स्थिति बदतर होती जा रही है, जिसके चलते विदेशी संस्थागत निवेशक (एफ़ आई आई) भारतीय बाज़ार से अपना पैसा निकालने का मन बना रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सी फ़िच की मानें तो केन्द्र सरकार का घाटा वर्ष २००८ में जीडीपी का २.८ फीसदी था, जो कि वित्त वर्ष २००९ में सकल घरेलू उत्पाद के ४.५ फीसदी तक जा सकता है। फ़िच के अनुसार एशियाई देशों में भारत कि मौजूदा रेटिंग चीन और जापान कि तुलना में ६ पायदान नीचे है। जबकि अफ्रीकी देशों में मिस्र, मोरोक्को और नामीबिया जैसे देश भी हमसे आगे हैं। ऐसी स्थिति को देखते हुए विदेशी संस्थागत निवेशक इक्विटी और डेब्ट मार्केट से अपना पैसा खींच सकते हैं। भारत में तेज़ी से बदलते हालातों और अस्थिर अर्थव्यवस्था को देखते हुए फ़िच ने करंसी आउटलुक को भी स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दिया है।
Wednesday, August 13, 2008
आई पी ओ की बहार से चमकेगा बाज़ार
आगामी वित्त वर्ष की शुरुआत तक देश की प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां आई पी ओ के माध्यम से शेयर बाज़ार में उतरने का मन बना चुकी हैं। इनमे देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारतीय संचार निगम लिमिटेड भी शामिल है, जो कि अब तक का सबसे बड़ा आई पी ओ लाने कि तैयारी में है। इसके अलावा सतलुज जल विद्युत् निगम लिमिटेड, मेंग्नीज ओर इंडिया लिमिटेड और कोचीन शिपयार्ड भी जल्द ही आई पी ओ के द्वारा कारोबारी बाज़ार में आएँगी। सरकार इन सार्वजनिक कंपनियों के आई पी ओ से होने वाली कमाई से राजकोषीय घाटे को कम करना चाहती है। जिसके चलते सरकार इन कंपनियों के दस फीसदी शेयर सार्वजनिक करने कि योजना बना रही है। इसके साथ ही आई पी ओ कि बहार से निवेशक भी कहीं न कहीं बाज़ार कि मंदी के दौरान हुए घाटे की भरपाई करने के मूड में लग रहे हैं। जिसका साफ़ असर शेयर बाज़ार पर भी देखने को मिल सकता है। लंबे समय से मंदी के भंवर में फंसे शेयर बाज़ार को अब एक उम्मीद इन आई पी ओ से है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो निश्चित तौर पर जल्द ही बाज़ार में रौनक लौटेगी।
बी एस ई पर गिर सकती है सेबी की गाज
देश में पहला और विश्व में दूसरा स्थान रखने वाला बम्बई स्टॉक एक्सचेंज, दलालों की दखलंदाजी और कुप्रबंधन के कारण एक बार फिर जांच के घेरे में है। बीते कुछ समय से स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारियों और प्रबंधन के बीच चली आ रही उठापटक रुकने का नाम नहीं ले रही है। जिसके चलते हाल ही में एक्सचेंज के गैर कार्यकारी निदेशक शेखर दत्ता ने अपना इस्तीफा दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में हालात् जस के तस् हैं। बी एस ई में ब्रोकरों के बढ़ते हस्तक्षेप से दुखी होकर एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक रजनीकांत पटेल भी अब इस्तीफा देने का मन बना रहे हैं। बी एस ई के सफर पर गौर करें तो कारोबार की शुरुआत से लेकर अब तक इसके अधिकारियों में निरंतर झगडा चला आ रहा है। ऍम आर माया को छोड़ दिया जाए तो ऐसा कोई कार्यकारी निदेशक नहीं रहा, जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया हो। बी एस ई में झगडे की प्रमुख वजह इसके ट्रेडिंग सदस्यों का शेयर धारक होना भी है। जिसके चलते ये प्रबंधन के कामों में भारी दखलंदाजी भी करते हैं। यही वजह है की सेबी कई बार बी एस ई को जांच के कटघरे में खड़ा कर चुका है। अब अगर जल्द ही हालात् नहीं सुधरे तो सेबी एक बार फिर बी एस ई के लिए कड़े क़ानून बनाने पर विचार कर सकता है।
Monday, August 11, 2008
कच्चे तेल में नरमी से बाज़ार में आई गर्मी
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में चली आ रही तेज़ी में कुछ हद तक सुधार देखने को मिल रहा है। इस साल अपने उच्चतम स्तर १४७ रुपये प्रति बैरल के स्तर पर पहुँच चुका क्रूड फिलहाल ११५ रुपये प्रति बैरल तक आ गया है। जिसका सीधा असर शेयर बाज़ार पर भी पड़ा है....और बाज़ार एक बार फिर सकारात्मक संकेत दिखा रहा है। कच्चे तेल के दामों में आई इस नरमी से निवेशकों में एक बार फिर नया उत्साह दिख रहा है। निवेशक इस सकारात्मक सेंटिमेंट का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं....यही वजह है की सभी सेक्टरों में जमकर खरीदारी की जा रही है। वर्ष २००८ के शुरुआती दौर से ही बाज़ार में शुरू उठापटक अब भी चली आ रही है...किंतु कच्चे तेल के दामों में आई नरमी ने एक बार फिर बाज़ार और निवेशकों में नया उत्साह जगाया है।
Wednesday, August 6, 2008
शिकायत
न करता शिकायत ज़माने से कोई, अगर मान जाता मनाने से कोई।
किसी को क्यूँ याद करता है कोई, अगर भूल जाता भुलाने से कोई।
किसी को क्यूँ याद करता है कोई, अगर भूल जाता भुलाने से कोई।
तन्हाई
अजनबी शहर के अनजान रास्ते, मेरी तन्हाईयों पे मुस्कुराते रहे।
मैं बहुत देर तक यूँ ही चलता रहा, तुम बहुत देर तक याद आते रहे।
कुछ लोग ज़माने मैं ऐसे भी तो होते हैं, महफ़िल में तो हँसते हैं तन्हाई में रोते हैं।
जिनके लिए रातों की नींदे हम खोते हैं, वो अपने मकानों में आराम से सोते हैं।
मैं बहुत देर तक यूँ ही चलता रहा, तुम बहुत देर तक याद आते रहे।
कुछ लोग ज़माने मैं ऐसे भी तो होते हैं, महफ़िल में तो हँसते हैं तन्हाई में रोते हैं।
जिनके लिए रातों की नींदे हम खोते हैं, वो अपने मकानों में आराम से सोते हैं।
आईपीओ निवेश होगा अब सुविधाजनक
आईपीओ में निवेश करना अब निवेशकों के लिए सुविधाजनक होगा। निवेशकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सेबी जल्द ही एक फ़ैसला लेने पर विचार कर रही है, जिसके तहत निवेशकों द्वारा आईपीओ में लगायी गई राशि , शेयर आबंटन न होने पर उन्हें जल्दी ही लौटा दी जायेगी। इससे निवेशकों का महीनो तक फंसा रहने वाला पैसा अब उन्हें आसानी से मिल जाएगा।
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