आप सभी का स्वागत करता है...
Sunday, December 7, 2008
मंदी के पेनिक में मिला सरकारी टॉनिक
Tuesday, December 2, 2008
एफडीआई रखेगा बरकरार, टेलिकॉम सेक्टर की रफ़्तार
Wednesday, November 26, 2008
बड़े बेआबरू होके तेरे कूचे से हम...
Tuesday, November 25, 2008
मंदी आई है तो फिर दूर तलक जायेगी...
Saturday, November 22, 2008
मंदी में भी काट रहे हैं चांदी
Saturday, November 1, 2008
विदेशी मुद्रा भण्डार बनाम सीआरआर
पिछले कुछ समय से बाज़ार में नकदी की समस्या दूर करने की लिए रिजर्व बैंक लगातार सीआरआर में कटौती कर रहा है। लेकिन क्या इस कटौती का कारण सिर्फ़ बाज़ार में तरलता बढ़ाना ही है? इस बार सीआरआर में की गयी 1 प्रतिशत की कमी का कारण भारतीय विदेशी मुद्रा भण्डार में आ रही गिरावट तो नहीं। एक समय था जब भारत का विदेशी मुद्रा भण्डार दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा था, लेकिन पिछले कुछ समय से इसमें लगातार कमी आ रही है। वर्ष-2008 की बात करें तो पिछले आठ महीनों में यह 50 अरब डॉलर से भी अधिक गिर चुका है, कारण साल की शुरुआत से ही भारतीय शेयर बाज़ार की खस्ता हालत के चलते विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अपना पैसा खींचना शुरू कर दिया, जिसके चलते डॉलर के मुकाबले रूपया कमजोर होने लगा। ऐसे में रुपये को मजबूती दिलाने के लिए रिज़र्व बैंक ने डॉलर बेचना शुरू कर दिया। यही कारण है कि पिछले कुछ समय से भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आ रही है। एक वक्त था जब भारत का विदेशी मुद्रा भण्डार 300 अरब डॉलर से भी अधिक था, लेकिन टूटते रुपये को सहारा देने के लिए रिज़र्व बैंक को डॉलर बेचने जैसा कदम उठाना पड़ा और वर्तमान में यह घटकर 252 अरब डॉलर के आस-पास रह गया है। हालांकि रिज़र्व बैंक द्वारा डॉलर कि बिक्री का सकारात्मक परिणाम भी देखने में आया और डॉलर के मुकाबले रूपया कुछ हद तक सुधरा भी है। लेकिन डॉलर कि बिक्री ने सीआरआर में की गई कमी के कारण बाज़ार में आने वाली तरलता के असर को कम कर दिया। यही वजह है कि बाज़ार में पर्याप्त तरलता को बनाये रखने के लिए आरबीआई को एक बार फिर सीआरआर में कटौती करनी पड़ी है। खैर जो भी हो पर अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गिरते विदेशी मुद्रा भण्डार को बढ़ाने और बाज़ार में लिक्विडिटी बनाये रखने के लिए केंद्रीय बैंक आख़िर क्या नए कदम उठाती है।
Tuesday, October 28, 2008
क्या घटेंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
Sunday, October 26, 2008
बड़ी कंपनियों कि नज़र अब छोटी कारों पर
Friday, October 24, 2008
बाज़ार में छाया साईको फोबिया
Wednesday, October 22, 2008
आईपीओ मतलब.......कोका-कोला
Sunday, October 19, 2008
निवेशक का निकला दिवाला
मंदी की सुनामी में लुटे कुबेरपुत्र
अमेरिका में पैदा हुए आर्थिक संकट ने सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारतीय उद्योगपतियों की संतानें भी इससे अछूती नहीं हैं। जनवरी से लेकर अब तक जिस तरह से बाज़ार बेकफुट पर आया है, उसमे बड़े-बड़े धनकुबेरों की संतानें भी अपनी करोड़ों की संपत्ति स्वाहा कर चुकी हैं...पिछले दस महीनों में ये कुबेरपुत्र लगभग 5352 करोड़ रुपये गंवा चुके हैं। इनमें सबसे अधिक पैसा डी एल एफ के मालिक के पी सिंह की बेटी पिया ने गंवाए हैं। उन्होंने 3297 करोड़ रुपये हैं। जबकि उनके भाई तथा डी एल एफ के वाइस चेयरमैन राजीव सिंह 1586 करोड़ रुपये स्वाहा कर चुके हैं। यूनिटेक के मालिक रमेशचंद्र के पुत्र राजीव चंद्र ने इस मंदी रूपी सुनामी में 2930 करोड़ रुपये गंवाए हैं। रिलायंस के मालिक मुकेश अम्बानी की संतानें ईशा , आकाश और अनंत ने जहाँ 685 करोड़ डुबाये हैं, वहीँ अनिल अम्बानी के पुत्र जय और अनमोल ने भी अपने पापा की 137 करोड़ की पूंजी गँवाई। विप्रो के मालिक अजीम प्रेमजी के पुत्र रिषद प्रेमजी भी इस मामले में पीछे नहीं है। उन्होंने अब तक १४ करोड़ स्वाहा किए हैं...
Friday, October 17, 2008
सेंसेक्स बनाम सचिन
Friday, October 10, 2008
झुकी-झुकी सी नज़र...
झुकी-झुकी सी नज़र बेकरार है के नहीं...
दबा-दबा सा सही दिल में प्यार है के नहीं...झुकी-झुकी सी नज़र...
तू अपने दिल की जवां धडकनों को गिन के बता...
मेरी तरह तेरा दिल बेकरार है के नहीं....दबा-दबा सा सही.....
वो पल के जिसमे मोहब्बत जवान होती है...
उस एक पल का तुझे इंतज़ार है के नहीं...दबा-दबा सा सही....
तेरी उम्मीद पे ठुकरा रहा हूँ दुनिया को...२
तुझे भी अपने पे ये ऐतबार है के नहीं...दबा-दबा सा सही...
झुकी-झुकी सी नज़र....
चिट्ठी न कोई संदेश...
इस दिल पे लगाके ठेस...जाने वो कौन सा देश...जहाँ तुम चले गए...
इक आंह भरी होगी, हमने न सुनी होगी...जाते-जाते तुमने आवाज़ तो दी होगी....
हर वक्त यही है ग़म, उस वक्त कहाँ थे हम...कहाँ तुम चले गए...
हर चीज़ पे अश्कों से लिखा है तुम्हारा नाम, ये रस्ते घर गलियां तुम्हे कर न सके सलाम...
हाय दिल में रह गई बात...जल्दी से छुडाकर हाथ कहाँ तुम चले गए....
अब यादों के कांटे इस दिल में चुभते हैं, न दर्द ठहरता है...न आंसू रुकते हैं...
तुम्हे ढूंढ रहा है प्यार...हम कैसे करें इकरार...के हाँ तुम चले गए...
फरियाद...
तूने आंखों से कोई बात कही हो जैसे...
जागते-जागते इक उम्र कटी हो जैसे...
जान बाकी है मगर साँस रुकी हो जैसे......
जानता हूँ.....आपको सहारे की जरूरत होगी....बस साथ देने आया हूँ...
हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है...
मुझसे कुछ तेरी नज़र पूछ रही हो जैसे...
राह चलते हुए अक्सर ये गुमा होता है...
वो नज़र छुपके मुझे देख रही हो....जैसे...
एक लमहे में सिमट आया हो सदियों का सफर...
ज़िन्दगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो...जैसे...
इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं...
मेरी हर साँस तेरे नाम लिखी हो...जैसे...
Wednesday, October 8, 2008
आख़िर कब रुकेगी मंदी रुपी सुनामी...
Wednesday, August 27, 2008
और महंगा होगा हवाई सफर
गौरतलब है कि पिछले चार वर्षों में विमान ईंधन के दामों में ५०,००० रुपए/ किलोलीटर तक का इजाफा हो चुका है। जिसके चलते एयर इंडिया , किंगफिशर , स्पाइसजेट तथा जेट एयरवेज जैसी प्रमुख कंपनियां हवाई किराये में १०-१५ फीसदी की वृद्धि कर सकती हैं। यह बढोतरी संभवतः दो चरणों में सितम्बर-अक्टूबर तक होने कि संभावना है।
Thursday, August 21, 2008
एफ़ आई आई खींच सकते हैं पैसा
Wednesday, August 13, 2008
आई पी ओ की बहार से चमकेगा बाज़ार
बी एस ई पर गिर सकती है सेबी की गाज
Monday, August 11, 2008
कच्चे तेल में नरमी से बाज़ार में आई गर्मी
Wednesday, August 6, 2008
शिकायत
किसी को क्यूँ याद करता है कोई, अगर भूल जाता भुलाने से कोई।
तन्हाई
मैं बहुत देर तक यूँ ही चलता रहा, तुम बहुत देर तक याद आते रहे।
कुछ लोग ज़माने मैं ऐसे भी तो होते हैं, महफ़िल में तो हँसते हैं तन्हाई में रोते हैं।
जिनके लिए रातों की नींदे हम खोते हैं, वो अपने मकानों में आराम से सोते हैं।
आईपीओ निवेश होगा अब सुविधाजनक
Wednesday, May 14, 2008
mera shahar bhopal meri university makhanlal
keep to read my blog
i will be back soon with
full of metters and masseges
good nights